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ईपीएफओ के लिए नए नियम : बदलाव से होगा काफी लाभ

New rules for EPFO:सरकार ने ईपीएफओ की ईडीएलआई योजनाओं के ​नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। इससे आपको क्या लाभ होगा, इसकी जानकारी जरूरी होनी चाहिए। नए नियमों में बदलाव होने से परिवार के सदस्यों को डेथ क्लेम में आसानी होगा और लोगों को आ​र्थिक सुरक्षा भी बढ़ेगी।


भारत में सरकारी या गैर सरकारी कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए कर्मचारी भविष्य नि​धि संगठन (EPFO) अपनी योजनएं चलाता है। इसी के तहत ईपीएफओ की एक योजना एंप्लाईज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) में अब कुछ बदलाव किए गए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य इस योजना के तहत आने वाले परिवारों को आ​र्थिक सुरक्षा दिलाना है। कर्मचारियों की मौत के बाद मिलने वाले क्लेम को इस योजना में बदलाव के बाद आसान कर दिया है। इससे कर्मचारियों की बीमा पॉलिसी में मिलने वाले कवरेज बढ़ेगा। इससे कर्मचारियों के परिवारों की और अ​धिक आ​र्थिक सुरक्षा बढ़ जाएगी।


कम से कम 50 हजार का लाभ
नए नियमों के तहत ​अगर किसी कर्मचारी की नौकरी शुरू करने के एक साल के अंदर ही मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को कम से कम 50 हजार रुपये का लाइफ इंश्योरेंस बेनिफिट मिलेगा। इस संशोधन के बाद पांच हजार से अ​धिक मामलों में परिजनों को लाभ मिलेगा। दूसरी बदलाव यह किया गया है कि कर्मचारी की मृत्यु होने पर कुछ समय के लिए उनका ईपीएफ बंद हो जाएगा। पहले के नियमों में नॉन कंट्रीब्यूटरी पीरियड के बाद होता था। पहले परिवार के लोगों को ईडीएलआई योजना का लाभ नहीं मिलता था। अब EPF सदस्य की मृत्यु होती है और कर्मचारी में कंपनी का रिकार्ड है तो परिजनों को बीमा लाभ जरूर मिलेगा।


नौकरी में गैप आने पर भी मिलेगा लाभ
ईपीएफओ में तीसरा बदलाव यह किया गया है कि यदि कर्मचारी अपनी नौकरी बदलता है और उसके बीच में कुछ गैप हो जाता है तो उसे भी इस योजना का लाभ जरूर मिलेगा। पुराने नियमों में ऐसा नहीं था। पहले परिवार के लोगों को दो लाख 50 हजार रुपये का कम से कम बेनिफिट या फिर सात लाख का इंश्योरेंस बेनिफिट नहीं मिल पाता था। अब यदि नौकरी के बीच दो महीने का गैप भी आ जाए तो सर्विस को लगातार माना जाएगा। ईपीएफओ का मानना है कि इस योजना में बदलाव के कारण प्रति वर्ष एक हजार से अ​धिक परिवारों को राहत मिलेगी।

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